
पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की मेरिट लिस्ट जारी करने का आग्रह किया है। अभ्यर्थियों ने बताया कि 11 माह बीत जाने के बाद भी मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई जबकि अभ्यर्थी मांग को लेकर लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं। अभ्यर्थी रजनी कुमारी बताती है कि आयोग नियोजन नीति के मामले का कोर्ट में लंबित होने का बहाना बना कर अंतिम मेधा सूची प्रकाशित नहीं कर रहा। जबकि उसी नियोजन नीति के तहत अन्य एजेंसियों ने संविदा आधारित बहालियां इसी वर्ष में की हैं। इससे यह सिद्ध है कि सोनी कुमारी केस में हाई कोर्ट द्वारा केवल हाई स्कूल शिक्षकों की बहाली पर ही रोक लागू है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि पूर्व महाधिवक्ता ने साफ शब्दों में कहा था कि पंचायत सचिव नियुक्ति पर कोई स्टे नहीं लगाया गया है।
2017 में शुरू हुई थी भर्ती-
उन्होंने बताया कि आयोग ने वर्ष 2017 में 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। इसमें छह तरह के पोस्ट थे। दो तरह के पोस्ट जिला स्तर और चार तरह के पोस्ट राज्यस्तर के थे। पंचायत सचिव पद के लिए 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी। इस वेकेंसी के लिए लिखित परीक्षा 21, 28 जनवरी और चार फरवरी 2018 को हुई। सफल अभ्यर्थियों की स्किल और टाइपिंग टेस्ट एक से आठ जुलाई 2019 तक हुई। उसके बाद इसमें सफल अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 27 से 31 अगस्त और तीन से सात सितंबर 2019 तक दो पालियों में किया गया। डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के 11 माह बीत जाने के बाद भी फाइनल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है, जो चिंता का विषय है। इससे पहले भी रघुवर सरकार परीक्षा आयोजित करने में बेवजह देर की थी।